ज़िन्दगी ने
जो मुझे दिया
ख़ुशी से लिया !
पियाला भर
जहर
उमर भर !
पिया मैंने
बूंद -बूंद
जिया मैंने !
न जीने से
डर ....
नहीं
मरने की
फिकर !
विष कभी
कर देता
किसीको
अमर !
जिसे समझे
मृत्यु
किसे समझे !
न विलाप
ना मातम
क़िस्सा शुरू
या खतम
मुक्ति
नही मिलती
जीवन से
गम से
पुनर जनम से
अमृत घट
फ़िर वही कपट
इस वर्तुल में
उपक्रम से
सब मिलता है
नियति नट
जीवन संकट
फ़िर भी
मृत्यु से डर
मांगता वर
हुआ कोई अमर
रे अंत को वर
ख़ुश होकर
फ़िर ..
शुरुआत कर !
चढ़ सलीब पर ...........
(रचना में कुछ त्रुटियाँ हैं ,जिन्हें कभी एडिट कर दूंगी :) )
__________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
एक" चोका" रचना बच्चों के लिए :) बच्चो ! हाइकू यदि जापान में कविता की शुरुआत है तो"चोका " काव्य सृजन का चरम ! पर बंदिश वही 5-7 वर्ण की रखी जाती है :)
जो मुझे दिया
ख़ुशी से लिया !
पियाला भर
जहर
उमर भर !
पिया मैंने
बूंद -बूंद
जिया मैंने !
न जीने से
डर ....
नहीं
मरने की
फिकर !
विष कभी
कर देता
किसीको
अमर !
जिसे समझे
मृत्यु
किसे समझे !
न विलाप
ना मातम
क़िस्सा शुरू
या खतम
मुक्ति
नही मिलती
जीवन से
गम से
पुनर जनम से
अमृत घट
फ़िर वही कपट
इस वर्तुल में
उपक्रम से
सब मिलता है
नियति नट
जीवन संकट
फ़िर भी
मृत्यु से डर
मांगता वर
हुआ कोई अमर
रे अंत को वर
ख़ुश होकर
फ़िर ..
शुरुआत कर !
चढ़ सलीब पर ...........
(रचना में कुछ त्रुटियाँ हैं ,जिन्हें कभी एडिट कर दूंगी :) )
__________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
एक" चोका" रचना बच्चों के लिए :) बच्चो ! हाइकू यदि जापान में कविता की शुरुआत है तो"चोका " काव्य सृजन का चरम ! पर बंदिश वही 5-7 वर्ण की रखी जाती है :)