रविवार, जनवरी 25, 2015
मंगलवार, जनवरी 20, 2015
सोमवार, जनवरी 12, 2015
आत्म - निरिक्षण
व्यक्तित्व - विकास
__________________ आज " पर्सनालिटी डेवलपमेंट " की ' क्लासेस और कोचिंग ' को समाज ने बड़ी सहजता से स्वीकार लिया है ! आख़िर छोटे या बड़े बच्चों के विकास में कौनसी कमी रह जाती है , जिसके लिए अभिभावक बाध्य अथवा निर्भर हो जाते हैं , कि बच्चों के व्यक्तित्व का विकास वहीं या उनही के ज़रिये सम्भव होगा ! सवाल / उपयोगिता पर नहीं है ! सवाल ज़ुरूरत पर भी नहीं है ! सवाल है उस सोच पर जो इसके लिए राजी है ! सवाल है संस्कारों के उस रोपण पर ,जो बाधित हुआ है ! सवाल है आगे बढ़ने का दावा करती हुई उस पीढ़ी से जो पिछड़ रही है ! उसे ज़ुरूरत है आत्म - निरिक्षण की ! आख़िर क्या वज़हें थी कि उन्हें अपनी किशोरावस्था में ' पर्सनालिटी डेवलपमेंट ' के लिए कहीं भी नहीं जाना पड़ा और वे उच्च शिक्षा पाकर ऊँचे पदों पर आसीन हो गए ( उनमे से कई के अभिभावक अपेक्षाकृत कम शिक्षित थे ) पर उन्हें अपनी सन्तान के लिए ' उन' क्लासेस की ज़ुरूरत है ?
_________ बड़ा आसान सा जवाब बड़े आराम और इत्मीनान से उछाला जाता है ------- ' वक्त की कमी है , काम बहुत ज़ियादह हैं ' यदि ऐसा है तो फ़िर ज़ुरूरत तो " टाइम - मैनेजमेंट " की क्लासेस की है और वो भी / अभिभावकों को ----- जिससे अगली नस्ल खरीदे हुए संस्कार की धरोहर लेकर सिर झुकाए न खड़ी हो समाज के कटघरे में , जिस पर नैतिक मूल्यों के अवमूल्यन का चार्ज हो !
__________ हम अगली post पर फ़िर से आत्म- निरिक्षण का मुद्दा ले सकते हैं लिहाज़ा ये तो महज़ विषय से तार्रुफ़ था / मेरा मुतालबा कुछ और है !
______________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
शनिवार, जनवरी 10, 2015
बुद्धि - परिक्षण
___________________________________________एक ही वस्तु को जब तमाम व्यक्ति देखते हैं ,तब उसके लिए सबकी अपनी अलग प्रतिक्रिया होती है अत: जब कोई परिक्षण किया जाता है तब तुलनात्मक अध्ययन के मद्देनज़र ये ध्यान रखा जाता है की जिन लोगों को कसौटी पर कसा जाना है उनकी शारीरिक स्थिति ( वज़न एवम ऊंचाई ) आयु / शिक्षा / व्यवसाय /जीवन स्तर और धार्मिक व भौगोलिक प्रष्ठभूमि लगभग समान हो ............. अन्यथा / परिणाम के शुद्ध होने पर , प्रश्नचिंह लग सकते हैं ! जैसे प्रस्तुत animation दिखाकर बस एक सवाल पूछा जाता है कि _________ आपको क्या दिखाई दिया ? और प्राप्त होने वाले जवाब के आधार पर हम तय करते हैं कि उत्तरदाता की प्रकृति क्या है ? उसकी मानसिक तीक्ष्णता कैसी है ? विचारों में विस्तार की सम्भावना क्या है ? उसकी रूचि का भी पता चलता है !जब ये परिक्षण किसी समूह पर किया जाता है ,तब दी जाने वाली समयावधि एक समान होती है . बच्चों का ' मेमोरी टेस्ट ' करने के लिए भी animation का सहारा लिया जाने पर अच्छे परिणाम प्राप्त हुए !
( मेरे शोध कार्य से / :) )
___________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
गुरुवार, जनवरी 08, 2015
रात और मैं
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अक्सर मैं ख़ुद से बात करने के लिए वक्त की तलाश करती हूँ . और वो वक्त मिलता है / आधी रात को ! जब ,सब सो रहे होते हैं ! ख़्वाब में खोए होते हैं ......तब ...नि:शब्द रात ,और मैं ! कितनी सारी बातें होती हैं , हमारे बीच !कितने सारे सवाल !कितने सारे ख़्वाब ......जो मैं और मेरी रातें , जागकर देखा करते हैं !
__________ जो सो रहे होते हैं , उन्हें कहाँ मालूम है __ रात कब ,कोई सितारा आसमान से टूटकर धरती से आ मिला ! कब- कब चाँद ने अपना मुख शांत समन्दर में देखा ! कब ज्वार उठा ! कब .... मुझे भी कहाँ पता हैं सब बातें :) पर जितने करीब से मैंने देखा और जाना है रात को .....उसके लिए मेरा जागते रहना ज़ुरूरी था ! .....नींद की परियों का क्या / वो बिना कोई शिकायत किये ,दिन में भी चली आती हैं !
____________ डॉ. प्रतिभा स्वाति
अक्सर मैं ख़ुद से बात करने के लिए वक्त की तलाश करती हूँ . और वो वक्त मिलता है / आधी रात को ! जब ,सब सो रहे होते हैं ! ख़्वाब में खोए होते हैं ......तब ...नि:शब्द रात ,और मैं ! कितनी सारी बातें होती हैं , हमारे बीच !कितने सारे सवाल !कितने सारे ख़्वाब ......जो मैं और मेरी रातें , जागकर देखा करते हैं !
__________ जो सो रहे होते हैं , उन्हें कहाँ मालूम है __ रात कब ,कोई सितारा आसमान से टूटकर धरती से आ मिला ! कब- कब चाँद ने अपना मुख शांत समन्दर में देखा ! कब ज्वार उठा ! कब .... मुझे भी कहाँ पता हैं सब बातें :) पर जितने करीब से मैंने देखा और जाना है रात को .....उसके लिए मेरा जागते रहना ज़ुरूरी था ! .....नींद की परियों का क्या / वो बिना कोई शिकायत किये ,दिन में भी चली आती हैं !
____________ डॉ. प्रतिभा स्वाति
बुधवार, जनवरी 07, 2015
अनुशासन
_________________________________ 'अनुशासन'________________________
बचपन से सुनती आई हूँ इस शब्द को - घर में / स्कूल में ! फिर कॉलेज तक पहुंचते ' ये ' कम सुनाई देने लगा !क्या इसकी ज़ुरूरत नहीं रह गई थी वहां ? या फिर इसकी परिभाषा में तनिक तब्दीली आ गई थी ?
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----------------------------- लेकिन जो भी हो ,इस शब्द से वाकिफ़ हर कोई है ! कोई इसे सुनकर ' बोर ' महसूस करता है ! इस बोरियत के पीछे जो वजह है / मैं उसे खोजने की कोशिश में हूँ ! जब बच्चा किसी कड़वी दवा को न पीने की ठान ले / तब अच्छा चिकित्सक ये काम उसकी माँ को सौंप देता है :) आख़िर किसलिए ? वो जानता है ....औषधि और ज़िद के बीच समझौता वही करवा सकती है ! तो क्या अनुशासन के संदर्भ में भी हमे किसी ऐसे ज़हीन क़िरदार की दरकार है ?
_____________ डॉ. प्रतिभा स्वाति
सोमवार, जनवरी 05, 2015
रविवार, जनवरी 04, 2015
गुरुवार, जनवरी 01, 2015
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