-------------------------------------------------------------जागे भारत / भाग 2
जब गीतों से ओज टपकता हो ! लोरी तक के भाव निराले हों ! गजलों के सब माशूक जहाँ पे , सिर धुन /सिज़दा करने वाले हों ! --------- जारी -------- ------------------------------------------- डॉ .प्रतिभा स्वाति
-------------------------------------------------------------जागे भारत / भाग 2 जब गीतों से ओज टपकता हो ! लोरी तक के भाव निराले हों ! गजलों के सब माशूक जहाँ पे , सिर धुन /सिज़दा करने वाले हों ! --------- जारी -------- --------------------------- डॉ .प्रतिभा स्वाति
-------------------------------------------------------------जागे भारत / भाग 2 जब गीतों से ओज टपकता हो ! लोरी तक के भाव निराले हों ! गजलों के सब माशूक जहाँ पे , सिर धुन /सिज़दा करने वाले हों ! --------- जारी -------- ------------------------------------------- डॉ .प्रतिभा स्वाति
----------------------------------------------------------------------------- कबिरा कान्हा कब मिले ? मिले कब तुम हे राम ! प्रभू प्राण का नाम है , जग में है कोहराम ! -------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति
# DR. PRATIBHA SOWATY #: ज़िन्दगी: ------------------------------------------------------------------------ बहुत कम फर्क रहा ! मेरे होने, न होने का . ...
------------------------------------------------------------------------ बहुत कम फर्क रहा ! मेरे होने, न होने का . ज़िन्दगी काश तुझे , नज़दीक से देखा होता ! -----------------------------------------