मैं बस यूँ ही ...
दरमियान खड़ी हूँ !
इधर माँ ,उधर बेटी
मैं बीच में खड़ी हूँ !
यहाँ मैं माँ हूँ ....
बेटी नहीं हूँ !
बेटी होकर देखूं ..
तब माँ नहीं हूँ !
जबसे माँ नहीं हैं ...
मैं बेटी नहीं हूँ !
पूछती हूँ खुदसे ...
मैं हूँ ? या नहीं हूँ !
माँ और बेटी ...
बेटी और माँ !
बिछुड़ना नियति ...
रो रहा आसमां !
__________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
दरमियान खड़ी हूँ !
इधर माँ ,उधर बेटी
मैं बीच में खड़ी हूँ !
यहाँ मैं माँ हूँ ....
बेटी नहीं हूँ !
बेटी होकर देखूं ..
तब माँ नहीं हूँ !
जबसे माँ नहीं हैं ...
मैं बेटी नहीं हूँ !
पूछती हूँ खुदसे ...
मैं हूँ ? या नहीं हूँ !
माँ और बेटी ...
बेटी और माँ !
बिछुड़ना नियति ...
रो रहा आसमां !
__________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति