ज़िन्दगी ... तू
मिली ...सबको
रही ... साथ
पर .... तुझे
मिला कुछ नहीं ..... !
सबसे ... मिले
शिकवे ...गिले
चिरन्तन ... चले
यही .... सिलसिले
शब्द ... ख़ामोश
अर्थ .... मौन
बोलता रहा कौन .... !
रहे ख़ुद .... अनजान से
वंचित .... पहचान से
कौन...... रहा - गुजरा
सदा ..... दरमियान से
आए सभी ...... फ़िर
उठ गए जहान से ...... !
ख़ुद से अनजान से ....!
________________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति
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