प्रेम .....
भाषा की नज़र से - बड़ा व्यापक शब्द है ! इतिहास है इसका ! गणित भी और साहित्य भी ! धर्म और कर्म भी इससे अछूते नहीं ...... पर फिर भी ....
____________ प्रेम में फ़रेब नहीं होता ... इसलिए जहाँ कपट है .. छल है ... धोका है .. वहां प्रेम का दिखावा है ... आडम्बर है . प्रेम का कोई अस्तित्व वहां नहीं है ! चाहत को प्रेम कहना गलत है ! प्रेम में चाह नहीं होती !
_____ इसीलिए जिसे हम भक्ति कहते हैं ... वह प्रेम का आदर्श उदाहरण है ( निष्काम ) सकाम भक्ति ... भक्ति का आदर्श उदाहरण है :)
__
__इसीलिए मां को भगवान का दर्ज़ा दिया गया :)
जारी
_________________ डॉ .प्रतिभा स्वाति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें