कौन था !
वो शख्स / जो ,
अपना / भूल गया था ,
आपा / और
उसकी आँखों में ,
बस इक़ ख़्वाब ,
बसा करता था !!!
न इश्क- वफ़ा ,
न दीन-ओ-इमान !
जब भी निकलते ,
थे / लफ्ज़
लोग सुना करते थे ,
बस ...एक ही जुनूं,
वो / आठों पहर ,
----' इन्कलाब ' ---
कहा करता था !!!
---------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति
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