
-__
________________________________________________________---
-------------- कई बार बात सुनते कुछ हैं / होती कुछ और है !--------- हम जो देखते हैं / वो वस्तुतः सच का दिखावा या भ्रम होता है ! और हमे बहुत बाद में हकीकत पता चलती है ---------- तब / हर बार अफ़सोस हो ये ज़ुरूरी नहीं !
----------------------------------- आज मै सीखने के जिस दौर से गुज़र रही हूँ / उसमें गलतियाँ होती है ! मैं उनसे डर नहीं सकती , न रुक सकती हूँ , न पीछे हट सकती हूँ ! प्रयोग ------- मेरा ज़ुनून हैं / ज़ुरूरत है या आदत , ये अभी बता पाना बहुत मुश्किल है ----------- मै वक्त के पीछे हो जाती हूँ बार -बार / पर मेरा मन उस वक्त से सौ कदम आगे रहता है ------------------- शेष फिर कभी ------
----------------------------------------------------------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति
_____________________________________________________________________________
________________________ thnx :)








.gif)





.gif)



.gif)

.gif)
.gif)
.gif)
.gif)
+(1).gif)

.gif)
.gif)
.gif)


.gif)








.gif)








+(3).gif)
+(3).gif)




कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें