मैं ज़ुर्म का इक़बाल किये लेती हूँ
मैं ज़ुर्म का .... आज
इक़बाल किये लेती हूँ !
सज़ा -मुक़र्रर से पहले
सवाल किये लेती हूँ !
वो रोज़ करता है ख़ता
मैं मुआफ़ किये जाती हूँ !
दर्द देके रोज़ ख़ुदको ,
क्या इंसाफ किये जाती हूँ ?
---------------------- डॉ .प्रतिभा स्वाति
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