*______________________1
खल रहा है
शब्द लेकर कवि
चल रहा है
*___________________2
जो दिखता है
महसूस करता
वो लिखता है
*____________________3
धार देता है
रोज़ ही कलम को
ख़ुशी -गम को
*___________________4
हट प्यार से
विरह लिखता है
वो बिकता है
*______________________5
अश्रु -वेदना
वाह -वाह होती है
चाह रोती है
*________________6
नदी के साथ
सागर हो जाता है
वो क्या पाता है
*__________________7
लेके कलम
प्यार दे श्रृंगार दे
फटकार दे
*___________________8
रात जागे है
सपन संजोता है
कुछ बोता है
*______________________ 9
लीक से परे
विचारो का गगन
कवि मगन
*_____________________10
मैं तुम या वो
कविता का विषय
कुछ और हो
*___________________________11
_________________________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति
खल रहा है
शब्द लेकर कवि
चल रहा है
*___________________2
जो दिखता है
महसूस करता
वो लिखता है
*____________________3
धार देता है
रोज़ ही कलम को
ख़ुशी -गम को
*___________________4
हट प्यार से
विरह लिखता है
वो बिकता है
*______________________5
अश्रु -वेदना
वाह -वाह होती है
चाह रोती है
*________________6
नदी के साथ
सागर हो जाता है
वो क्या पाता है
*__________________7
लेके कलम
प्यार दे श्रृंगार दे
फटकार दे
*___________________8
रात जागे है
सपन संजोता है
कुछ बोता है
*______________________ 9
लीक से परे
विचारो का गगन
कवि मगन
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मैं तुम या वो
कविता का विषय
कुछ और हो
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_________________________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति
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