शनिवार, मार्च 15, 2014
शुक्रवार, मार्च 14, 2014
शुक्रवार, मार्च 07, 2014
गुरुवार, मार्च 06, 2014
सपने
-------------------------------------------------------------
तेरे इरादे / तेरी लाचारियाँ ,
मैं, वाकिफ़ हूँ / सब ही से !
क़िस्से , नए गढ़ - गढ़ के ,
बता नहीं ........ तू मुझको !
देखती हूँ / रोज़ ही सपने ,
जागते और सोते हुए !
होते नहीं हैं सच ,
क्या पता नहीं मुझको ?
------------------------------------ डॉ.प्रतिभा स्वाति
बुधवार, मार्च 05, 2014
4 frnds
आज फिर net problm !
आज फिर नहीं कह pai शुक्रिया !
आज फिर / तमाम बातें / यूँ ही रह गई !
किसी भी कमेंट का जवाब नहीं click हुआ !
अफ़सोस / एक शर्मिंदगी का अहसास !
g + open नही हुआ !
ब्लॉग / पोस्ट publish हो रही हैं ! बस !
---------- -------------------------
आज फिर नहीं कह pai शुक्रिया !
आज फिर / तमाम बातें / यूँ ही रह गई !
किसी भी कमेंट का जवाब नहीं click हुआ !
अफ़सोस / एक शर्मिंदगी का अहसास !
g + open नही हुआ !
ब्लॉग / पोस्ट publish हो रही हैं ! बस !
---------- -------------------------
सदस्यता लें
संदेश (Atom)