my e-book: तोड़ देती हूँ वो रिश्ता ....: ( पूरी कविता के लिए link )
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सुकूं दिल को मिलता नहीं ,
सम्मान दांव पर जब हो !
हाथ में मरहम दिखावा हो ,
नमक , घाव पर जब हो
______________________________ डॉ.प्रतिभा स्वाति
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