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दिमाग राजा है! दिल मंत्री!शरीर दास !
_____ये कौन कब ? किसलिए ? किस मन: स्थिति और मानसिकता में कह गया ! इस सोच को समझने की ज़ुरूरत है !
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_______दिल तो बच्चे की मानिंद है ! चाँद की जानिब हाथ फैलवा ही देता है ! दिमाग जानता है , चाँद की असलियत और इन्सान की औकात या हैसियत ! दिमाग कभी चाँद नहीं मांगता ! जिसके दिमाग ने चाँद माँगा वो , चाँद तक पहुंचा . सारी दुनिया इस सच से वाकिफ़ है
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___________ गोया के ये तय किया जाना आसान नहीं कि दिल की माने या नहीं ? लेकिन ये तय है की दिमाग की मानी जानी चाहिए . इसके पीछे जो वजह है ,निश्चय ही उसे दिमाग की बदौलत ही खोजा गया होगा ....... क्यूंकि दिल तो महज एक पम्प है :) रक्त शोधक और शुद्ध रक्त के लिए शरीर जिसपर निर्भर है 'वो ' अवयव :)
लेकिन ' ब्रेन " के कमाल को विज्ञान ने प्रमाण दे -दे कर , बेचारे दिल को सोच -समझ से सर्वथा दूर कर दिया !
___________ लेकिन दिमाग कितनी भी अपनी मनवा ले लेकिन ' दिल ' धड़कना बंद कर दे तब सारी होशियारी एक तरफ़ और ..........बोले तो , कोई किसी से कम नहीं !
_____________ ईश्वर ने शरीर में कोई भी चीज़ बेवजह नहीं बनाई , हाँ इन्सान उस वजह को बेवजह साबित करदे ये हुनर रखता है ! इन्सान की फ़ितरत ही कुछ ऐसी है ! ऐसी क्यूँ हैं का जवाब जब विज्ञान ने तलाश के नहीं दिया तो ' मनोविज्ञान ' ने कुछ ख़ोज और ख़ुलासे अपने जिम्मे कर लिए !
_____________ ठीक है यदि दिल सोच नहीं सकता तो हम उस सोच की तरफ़ चलें जहां दिमाग सीधा हस्तक्षेप नहीं करता ! मनोविज्ञान ने अपना जाल धीरे -से फैलाया ________ चेतन - अर्धचेतन -अचेतन ______ जी हाँ , ये मन की अवस्थाएँ हैं :)
________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
___________ गोया के ये तय किया जाना आसान नहीं कि दिल की माने या नहीं ? लेकिन ये तय है की दिमाग की मानी जानी चाहिए . इसके पीछे जो वजह है ,निश्चय ही उसे दिमाग की बदौलत ही खोजा गया होगा ....... क्यूंकि दिल तो महज एक पम्प है :) रक्त शोधक और शुद्ध रक्त के लिए शरीर जिसपर निर्भर है 'वो ' अवयव :)
लेकिन ' ब्रेन " के कमाल को विज्ञान ने प्रमाण दे -दे कर , बेचारे दिल को सोच -समझ से सर्वथा दूर कर दिया !
___________ लेकिन दिमाग कितनी भी अपनी मनवा ले लेकिन ' दिल ' धड़कना बंद कर दे तब सारी होशियारी एक तरफ़ और ..........बोले तो , कोई किसी से कम नहीं !
_____________ ईश्वर ने शरीर में कोई भी चीज़ बेवजह नहीं बनाई , हाँ इन्सान उस वजह को बेवजह साबित करदे ये हुनर रखता है ! इन्सान की फ़ितरत ही कुछ ऐसी है ! ऐसी क्यूँ हैं का जवाब जब विज्ञान ने तलाश के नहीं दिया तो ' मनोविज्ञान ' ने कुछ ख़ोज और ख़ुलासे अपने जिम्मे कर लिए !
_____________ ठीक है यदि दिल सोच नहीं सकता तो हम उस सोच की तरफ़ चलें जहां दिमाग सीधा हस्तक्षेप नहीं करता ! मनोविज्ञान ने अपना जाल धीरे -से फैलाया ________ चेतन - अर्धचेतन -अचेतन ______ जी हाँ , ये मन की अवस्थाएँ हैं :)
________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
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