शनिवार, मई 31, 2014

ज़ख्म..



  दिखता   लहू  लाल , 
  पर  ज़ख्म  हरा -सा ! 

अंधेरों  के  नसीब  में ,
कहाँ दिन सुनहरा -सा!
--------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति

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