बुधवार, मई 28, 2014

साँझ..


     
मुझको तो .... दिखती  उदास !
तू ,कहता ......साँझ सिंदूरी है !

सूरज के संग ........... डूब गई !
क्या उसकी ......... मज़बूरी है ?
-------------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति

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