मंगलवार, दिसंबर 24, 2013

बाँट देती हूँ / अक्षर - अक्षर




                 ________________ इस पोस्ट  में fb का स्क्रीन केप्चर किया है  !
            मुझे  मालूम  है / एक  बहुत  बड़ा पाठक वर्ग  fb पर है ! समन्दर  की तरह विशाल ! मेरा  वज़ूद वहाँ  इक  बूंद  जैसा है ! लेकिन  मुझे कतई  अफ़सोस  नहीं ! ये  मेरा  दम्भ  नही  मेरा दायित्व  बोध  है की  मै  उस  समन्दर  में सीप  के  मोती  की  मानिंद  रहूँ ! मुझे
 कुछ देना  होगा  उस  पाठक  को / जो  मेरे  लेखन  की  कद्र करता  है ! इंतजार  करता  है  ! तारीफ़   करता  है !
                       ब्लॉग  तो  वो  बगिया  है  / जहाँ का  हर  फूल  महकता  है !और  fb पर उस महक की दरकार है,ये उस पाठक का हक़ है और लेखक का फ़र्ज़ !
---------" इसलिये / गढ़ती हूँ इबारत  !
---------- बाँट देती हूँ / अक्षर - अक्षर ! " 
-------------------------------- डॉ .  प्रतिभा  स्वाति    
   

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