________________ इस पोस्ट में fb का स्क्रीन केप्चर किया है !
मुझे मालूम है / एक बहुत बड़ा पाठक वर्ग fb पर है ! समन्दर की तरह विशाल ! मेरा वज़ूद वहाँ इक बूंद जैसा है ! लेकिन मुझे कतई अफ़सोस नहीं ! ये मेरा दम्भ नही मेरा दायित्व बोध है की मै उस समन्दर में सीप के मोती की मानिंद रहूँ ! मुझे
ब्लॉग तो वो बगिया है / जहाँ का हर फूल महकता है !और fb पर उस महक की दरकार है,ये उस पाठक का हक़ है और लेखक का फ़र्ज़ !
---------" इसलिये / गढ़ती हूँ इबारत !
---------- बाँट देती हूँ / अक्षर - अक्षर ! "
-------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
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