मत पूछिये सबब ,
मेरे यूँ / आज
मुस्कुराने का !
किसी कोयल से ,
गीत गाने का !
पतझड़ में ,
उस सूखी टहनी पे ,
फूल के खिल जाने का !
मत पूछिये सबब !
आकाश चूमकर ,
परिंदे से / फिर
नीड़ तक लौट आने का !
खारा है समन्दर ,
फिर भी / मचलकर
उसके करीब ,
नदी के यूँ जाने का !
क़ुदरत के इशारे ,
सदियों से ,
यूँ हि , चला करते हैं !
बेसबब ! और
मै / तुम / हम-सब ,
हाथ मला करते हैं !!
अब /यहाँ ,
अपना कोई नही रहता !
रह जाइये / जब
आ ही गए है / दर तक ,
मेहमान बनके !
वो कहकहे !
वो शोख़ मुस्कुराहटें !
छनकती पायल !
चूडियो की खन- खन !
महकता आंगन !
अब इस / वीराने में ,
कुछ भी नही साहिब !
'ख़ुशी ' / अब
यहाँ नही रहती !
मेरे घर का
सामान बनकर !
----------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
मेरे यूँ / आज
मुस्कुराने का !
किसी कोयल से ,
गीत गाने का !
पतझड़ में ,
उस सूखी टहनी पे ,
फूल के खिल जाने का !
मत पूछिये सबब !
आकाश चूमकर ,
परिंदे से / फिर
नीड़ तक लौट आने का !
खारा है समन्दर ,
फिर भी / मचलकर
उसके करीब ,
नदी के यूँ जाने का !
क़ुदरत के इशारे ,
सदियों से ,
यूँ हि , चला करते हैं !
बेसबब ! और
मै / तुम / हम-सब ,
हाथ मला करते हैं !!
अब /यहाँ ,
अपना कोई नही रहता !
रह जाइये / जब
आ ही गए है / दर तक ,
मेहमान बनके !
वो कहकहे !
वो शोख़ मुस्कुराहटें !
छनकती पायल !
चूडियो की खन- खन !
महकता आंगन !
अब इस / वीराने में ,
कुछ भी नही साहिब !
'ख़ुशी ' / अब
यहाँ नही रहती !
मेरे घर का
सामान बनकर !
----------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
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