शनिवार, मई 21, 2022

मन

 मन बैरागी प्रपंच न समझा..

 खुद को खुद से दूर कियाा!!

तोड़ नेह के धागे तुमने...

क्यों मुझको मजबूर किया ?

_____________डॉ प्रतिभा स्वाति ✍️

3 टिप्‍पणियां:

  1. यूँ ही कोई किसी से नेह के धागे नहीं तोड़ देता है, कोई न कोई कारण होता है। नेह में प्रपंच कोई स्थान नहीं चाहता

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  2. बिल्कुल सही कह रही हैं आप 🙏

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  3. https://youtu.be/XIeOzFMqIVs
    यूट्यूब पर पूरी कविता है

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