शनिवार, मई 21, 2022

मन

 मन बैरागी प्रपंच न समझा..

 खुद को खुद से दूर कियाा!!

तोड़ नेह के धागे तुमने...

क्यों मुझको मजबूर किया ?

_____________डॉ प्रतिभा स्वाति ✍️

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