झूठ या सच
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दोनों से बच !
__________________ देखने में यूँ लगता है जैसे मैं हाइकू लिखने में असमर्थ हूँ :) बीच की लाइन जो गायब है ! वहां के सात वर्ण कहाँ हैं ? क्यूँ मौन पसरा है सच और झूठ के बाद ?
_________________ ये बात तो वही बताए जो तीनों ही से गुजरा हो ! अर्थात ...... यहाँ मेरा मक़सद सिर्फ़ ख़ुद के आगे ख़ुद को ज़ाहिर करना होता तो मैं सिर्फ़ ' मौन ' की बात करती . उस 'मौन ' की जिसे मैंने बड़ी ईमानदारी और हिम्मत से जिया . एक लम्बे अरसे का मौन . जिसे मैनें ख़ुद चुना था . यदि कोई भी फ़ैसला ,मज़बूरी में लिया जाए तब ईमानदारी पर प्रश्न उठाए जा सकते हैं .और जब फ़ैसलों पर सवाल उठने लगें तब लौटना पड़ता है - पीछे की तरफ़ . तभी हम आगे का सफ़र तय कर सकते हैं . यानि जो भी योजना हो उसपर अमल से पहले उसके परिणाम के बारे में विचार किया जाना ज़ुरूरी है ---- " बिना विचारे जो करे ....
__________ तब ? हम विचार क्यूँ नहीं करते ? कहाँ गई हमारी चिंतनशील प्रवृत्ति ? हम कैसे ध्यान से विमुख हो गए ? हम भेड़चाल से कभी तो उबेंगे ! तब ?आज mob .और tv ने हमारे मुंह - कान -आँख पर जो कब्ज़ा किया हुआ है , परोक्ष रूप से अतिक्रमण दिमाग और दिल पर हुआ है ! सोच और समझ पर हुआ है ! इस व्यस्तता और वाचालता ने सुविधा के नाम पर मुहैया इन उपकरणों की उपयोगिता और आविष्कार का मज़ाक उड़ाया है !
________________ आज हम भले आँख मूंद लें कबूतर की तरह , तो क्या बिल्ली झपट्टा नहीं मारेगी ? अरे हम इनसान हैं . हमारे पास दिमाग है . हमें ख़ुद का भला -बुरा सोचना होगा . उसके लिए वक्त निकलना होगा . भीड़ से परे ....ख़ुद के लिए ...औरों के लिए ....समाज के लिए ,देश और राष्ट्र के लिए ! हम हमेशा परिकथा से दिल नहीं बहला सकते ! कब तक तितली के पीछे भागेंगे ?
___________ हमारे आर्य हमें जो दिशा दे गए उसमें काल के मद्देनज़र ज़रासे संशोधन की ,नहीं कुछ और add किये जाने की दरकार है ! पहल हमे करनी होगी .....हम जो अपनेआप को समझदार होने के खोल में छुपाए बैठे हैं ! हम जो सिर्फ़ शिकायत करना जानते हैं ! हम जो कभी ख़ुद को कुसूरवार नहीं मानते ! लेकिन इस बात से अनजान कब तक रह पाएँगे ....एक दिन यही बच्चे हमें कुसूरवार कहके कटघरे में खड़ा कर देंगे की हमने उनको दिया क्या है ? समझाया क्यूँ नहीं ? रोका क्यूँ नहीं ? बताया क्यूँ नहीं ?
___________________ तब हमारे पास ख़ुद को बरी करने के कितने प्रमाण हैं ?
___________________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
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