बुधवार, दिसंबर 10, 2014

इसी ब्लॉग से ....














































































































































































































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-------------- कई बार बात सुनते कुछ हैं / होती कुछ और  है !--------- हम जो देखते हैं / वो वस्तुतः सच का दिखावा या भ्रम होता है ! और हमे बहुत बाद में हकीकत पता चलती है ---------- तब / हर बार अफ़सोस हो ये ज़ुरूरी नहीं !
----------------------------------- आज मै सीखने के जिस दौर से गुज़र रही हूँ / उसमें गलतियाँ होती है ! मैं उनसे डर नहीं सकती ,  न रुक सकती हूँ , न पीछे हट सकती हूँ ! प्रयोग ------- मेरा ज़ुनून हैं / ज़ुरूरत है या आदत , ये अभी बता पाना बहुत मुश्किल है ----------- मै वक्त के पीछे हो जाती हूँ बार -बार / पर  मेरा मन उस वक्त से सौ  कदम आगे रहता है ------------------- शेष फिर कभी ------
----------------------------------------------------------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति



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________________________ thnx :)

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