शुक्रवार, अप्रैल 04, 2014

शिव / (हाईगा कोलाज़ )



          सच कहूँ तो / इन सब haiga को सहेजने और यूँ संवारने के दौरान  मुझे ' पूजा - भाव ' की अनुभूति हुई !
जाने क्यूँ मन छलक -सा पड़ा !
                      मुझे मालूम है --------- साहित्य / प्रेम / भक्ति / योग / इन सबकी अवस्थाओं को   ८ से ११  चरणों में 
    व्यवस्थित किया गया है ! 
                     और मैं / प्रथम सोपान पर ही ------- डगमगाने लगी / ठहर  गई / मौन हो गई / शायद  रिक्त भी ------------- !!!
   ------------------------  डॉ . प्रतिभा स्वाति




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