सच कहिये तो कभी भी / आंखों में नमी का / कोई भी कारण नही होता ! कारण / होते हैं , यूँ ही / अकारण ! किसी के होने पर उसके न होने का , गम / मातम ? ज़रा देर के दिखावे ! फिर / आ जाती है , हंसी / कभी खुदपर / अक्सर दूसरों पर / सबको ! आख़िर / क्यूँ ? कब तक ? ------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें