रविवार, जुलाई 28, 2013

सच ...


दरअसल !                                    
सच छुपता रहा !
झूठ ने कहा !
कड़वे  सच्चे  बोल !
मीठे झूठ के खोल !
_________________
-------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति 







कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...