मंगलवार, जुलाई 01, 2014

विदूषक :)



   __________________________________
 _____ जीवन में ' हास्य ' के क्या माने हैं ? आज के  'लाफ्टर- शो ' और ' कॉमेडी सीरियल " इस ज़ुरूरत को किस हद तक पूरा करते हैं ? ये चिन्तन का विषय न भी हो /पर इसपे एक सहज वार्ता की जा सकती है !
---------------- चुटकुले भी इसी क्षेत्र की उपज हैं !  जोकर भी ! टेपा सम्मेलन या मुर्ख दिवस मनाया जाना भी ------ इसी हास्य के उदाहरण या प्रमाण  हैं !
---------------------- आज यदि ज़ुरूरत है तो इसकी विषय- वस्तु को परिमार्जन की ! उसे ' उपहासात्मक ' और अभद्रता से बचाए रखने की ! इसकी शुरुआत स्वयं से करनी हो /तो 'लाफ्टर -थेरेपी ' या ' हास्य -योग ' अच्छा और सशक्त माध्यम है :)
--------------------------- शेष / कमेंट्स ही में कंटीन्यू करूंगी / हमेशा की तरह ----------- ;) 
---------------- क्युकी /विदूषक पर / विचार -विनिमय शेष है :) 
_________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...