गुरुवार, नवंबर 24, 2016

हमको ऐसी सरकार चाहिए .....




हाथी से दांत ,
घड़ियाल से आंसू ,
उधार  चाहिए !
जय हो भक्तों, 
हमको ऐसी ही ,
सरकार चाहिए !


_________________  "मैं दूर  हूँ राजनीति से .. दूर .... बहुत  दूर !" इस एक वाक्य की व्याख्या मुझे  ही करने दीजिये _ कारण और परिणाम भी मैं ही ख़ुलासा करुँगी.... चाहे , सिलसिलेवार न सही !
___________ जब आध्यात्म - योग -धर्म -दर्शन - साहित्य चुना ,तब  राजनीति के लिए स्थान ही नहीं रहा ,यदि ये कह दूँ तब एक सच होगा :)
____________ दूसरा सच ये की नेता - पुलिस - पत्रकार की छवि उनके कारनामों  की वजह से जितनी  धूमिल हुई , इस वजह से  भी उस राह को ख़ुद के लिए मुनासिब नहीं समझा .... की कहीं साबका  ना पड़ जाए !
____________ मौके की नज़ाक़त को देखते हुए ,हमें अपनी प्राथमिकता तय कर लेनी चाहिए ! इसका ये तात्पर्य कदापि  नहीं की हम मौकापरस्त   हो जाएं :) 
_________ मैं किसी पार्टी की नहीं ,मेरा कोई नेता नहीं ----- पर देश मेरा है ,अधिकार मेरे हैं , उसीके तहत कुछ फर्ज़ और फ़राइज़ मेरे हैं ! मुझे  याद है .... की देशहित में मै क्या कर सकती हूँ ,आप भी याद रखिये !


जारी ...
___________ डॉ .प्रतिभा स्वाति


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