सोमवार, अक्टूबर 31, 2016

आठ .... पर सवाल अस्सी हैं

जो भी हो ! आठ मारे  गए हैं और इसमें अश्वत्थामा वाली  कोई बात नहीं है लेकिन कौरवों का कहना  है की छल  हुआ  है ! 
वे आतंकवादी ना भी हों ,अपराधी तो थे ही ,उनके मारे जाने पर देश को कोई  हानि  नहीं पहुची ! 
____________ पर सवाल उन्हें मारे जाने को लेकर  है ,ये किस नीति और आदेश के तहत हुआ ? सही हुआ ? क्या  भागना उस गुनाह से बड़ा गुनाह था ? क्या उनको पकड़कर वापिस जेल में लाया जाना था ? और  सारे अपराधियों का   सफाया इसी तर्ज़ पर होना चाहिए ?

Tara Shanker feeling angry.
7 hrs
वाह रे मामा शिवराजसिंह चौहान! व्यापम घोटाले में तो बड़ी सफ़ाई से तीन-चार दर्ज़न गवाह साफ़ करवा दिये, लेकिन इस बार पोलिटिकल माइलेज लेने की जल्दबाज़ी में सफ़ाई से एनकाउंटर भी नहीं करवा पाये? ऐसे बनोगे पीएम पद के दावेदार? आपने तो बॉलीवुड फ़िल्मों से भी कम तैयारी की थी!

इस देश में तमाशा चल रहा है. ​आइए दिखाते हैं.
जो लोग एनकाउंटर में मारे गए, वे शायद आतंकवाद की कई घटनाओं के आरोपी थे.
पुलिस अपने बयान में उन्हें आरोपी कह रही है. मुख्यमंत्री शिवराज चौहान आतंकवादी कह रहे हैं.
समाचार एजेंसी ANI उन्हें सिमी आतंकवादी लिख रही है. PTI सिमी एक्टीविस्ट लिख रही है.
बीबीसी इन्हें सिमी कार्यकर्ता और कैदी लिख रहा है.
पंजाब केसरी लिखता है 'सिमी के आठ खुंखार आतंकवादी'. भास्कर पर भी यही कॉपी है. दोनों में 'खुंखार' शब्द लिखा है. एक मूर्ख ने पहले कॉपी तैयार की है. दूसरे ने चांप दिया है. दोनों खबर का एंगल एक है.
दैनिक जागरण, आजतक, जनसत्ता और ​हिंदुस्तान आदि के लिए वे लोग आतंकवादी थे.
नवभारत टाइम्स एक खबर में संदिग्ध आतंकवादी लिख रहा है. दूसरे में आतंकवादी लिख रहा है. लेकिन इसी खबर में कार्यकर्ता भी लिख रहा है. नवभारत टाइम्स यह भी लिख रहा है कि आतंकियों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित किया गया है. पता नहीं जिंदा थे तब किया गया था या मुर्दों पर इनाम रखा गया है.




  
वैसे इतना तो जानते ही हैं आप कि SIMI बेसिकली एक छात्र संगठन है. वैसा ही संगठन जैसा AISA है. शुभ रात्रि.
SIMI : Students Islamic Movement of India.



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