गुरुवार, सितंबर 11, 2014

मन नहीं मानता .... ' विसर्जन '



          सारे तथ्य / कथ्य /तर्क / कारण और समझाइशें ------------------- एकदम फ़िज़ूल साबित हुईं ! और मैं आज तक ,गणपति  विसर्जन नहीं कर पाई ! हाँ ... कर ही नहीं पाई !
------------- माँ ,जब तक जीवित थीं , समझाती रहीं___ वास्तु के हिसाब से भी , विसर्जन ज़ुरुरी है ! पर / नहीं ! ये मेरी ज़िद बिलकुल नहीं है ! पर विसर्जन के नाम पर रोना आ जाता है ! सारी शक्ति समाप्त -सी हो जाती है !.............. और एक दशक से ज्यादा हुआ ,  मंगल - मूर्ति की स्थापना तो होती है ---------- विसर्जित  नहीं करती !
___________ फलत: 10 से ज्यादा प्रतिमाएं हो गई हैं !जब तक हूँ / ये सिलसिला  यूँ ही जारी रहेगा ! सबसे कह दिया है ,जब मैं न रहूँ तब __________ इन सबको / सादर धूमधाम  से विसर्जित कर देना !
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