बुधवार, मई 21, 2014

सॉनेट / ॐ (1 चतुष्पदी )



 स्वर्ग -नर्क /सब  झांसे  हैं /समझाकर !
सम्बल / विकट  घड़ी में / जीवन की ,
कमज़ोर नहीं /मन की डोर/ रेशम की ,
ये काया / प्रभु  की माया /ॐ जपाकर !
-------------------------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें