शनिवार, सितंबर 03, 2016

मात .......



 मिली  जो  मात  ....
दिल  सिहर   गया  !
आसमां  टूटकर। ....
ज़मीं पे बिखर  गया !
------------डॉ  .प्रतिभा  स्वाति 

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