शुक्रवार, जून 03, 2016

साहिल पे खड़े हो .....










my e-book: तोड़ देती हूँ वो रिश्ता ....: ( पूरी कविता के लिए link )
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सुकूं दिल को मिलता  नहीं ,
 सम्मान दांव पर जब हो !
 हाथ में मरहम दिखावा  हो ,
 नमक , घाव  पर जब हो
______________________________ डॉ.प्रतिभा स्वाति





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