गुरुवार, मई 26, 2016

आज नहीं...













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बो दिए हैं  बीज मैंने, 
उगाउंगी  मैं ही फ़सल !
फूल फल नज्र सबको ,
आज नहीं कल ,कल !
_________________________ डॉ .प्रतिभा स्वाति




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