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बुधवार, अप्रैल 27, 2016
क़िस्सा खतम ही सही ...
___________________________________________ दामन् से गिरे , चाँद - तारे सब . बसी रह गई शबनम ही सही ! कोई दीवाना , गली में फिरता रहा , हो जाए , विसाले सनम ही सही ! ___________________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति
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