मंगलवार, मार्च 31, 2015

मेरा नाम ....



_________ दरअसल विवाद  इस चित्र पर अधिकार को लेकर किये जाने वाले दावे का है ! किसी भी चित्र पर अधिकार , चित्रकार का हो ? या फ़िर चित्रकार ने जिस कलाकृति का चित्र बनाया है ,उस कलाकार का ? या फ़िर उस कलाकार ने जिसकी अनुकृति बनाई है उस ' मॉडल ' का भी अधिकार बनता है :)
------------------------------- ये जो संगेमरमर पे मेरा नाम लिखा है / इसपे हक़ किसका है ? मेरा / उसका या उसका :)
___________ मेरा मक़सद / फ़ोटो पर चल रहे छल अर्थात ' कॉपीराइट ' को लेकर उठ रहे उस मद्धम स्वर से है , जो शोर में हमें ठीक से सुनाई नहीं दे रहा !पर उसे हम नकार नहीं सकते , उसका उल्लंघन कब होता है ,ये जानकारी बटोरना अभी शेष है :)

शनिवार, मार्च 21, 2015

जुगनू लगा है ...जलने ज़रा











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क्यूँ  दौड़ते  हैं बादल ?
किस  बात की है जल्दी ?
 चाँद भी लगा है.....
 मचलने ज़रा !
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अभी -अभी तो दोपहर, 
ख़ामोश हुई है तपकर .
आई साँझ तो सूरज लगा ,
है ढलने ज़रा !
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कहाँ छुपे थे अब तक ?
पूछते  जो हैं सितारे .
सुनके सवाल जुगनू लगा
है जलने ज़रा :)
_____________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति

सोमवार, मार्च 16, 2015

बच्चों की / कौन सुनता है !

 बच्चों की , 
कौन सुनता है ?
इसलिए 
हो गए हम 
सयाने कुछ :)
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तू /रोज़ 
बदलता है राहें !
मगर /मेरे लिए    हैं / मंज़िल                                  के माने कुछ ;)


-------------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति

गुरुवार, मार्च 12, 2015

कठिन क्या है ?


  ___________________________आख़िर जीवन में जो कठिनाइयाँ आती हैं , उनकी शुरुआत कहाँ से होती है ? उन्हें हम शुरू करते हैं ? या हम उनका मुक़ाबला करते हैं , उनकी वज़ह कोई और होता है ?
________________ इस सवाल यहीं छोड़ दें / तब भी कठिनाई तो शेष हैं ही , उसे सुलझाने के मुद्दे तब ही खड़े होंगे ,जब हमारे मन और मस्तिष्क के आईने में उस मुश्किल का अक्स एकदम साफ हो ! 
_______________ क्यूंकि जो आपके लिए कठिन है , हो सकता है , मेरे लिए उतना कठिन ना हो , फलत : उसे हल करना मेरे लिए आसान होगा !बशर्ते मुझे और आपको ये मालूम हो कि मुश्किल का सही स्वरूप क्या है ?
__________________ शेष फ़िर,
_______________________ डॉ..प्रतिभा स्वाति

बुधवार, मार्च 11, 2015

दो में से एक / चुनना हो तब ?


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जी हाँ / ये स्थिति तो अमूमन आती ही रहती है :)
बचपन से ....गुब्बारा लाल लूँ या नीला ? 
पहला प्रश्न छोड़ दूँ या दूसरा :)
विज्ञान लूँ या वाणिज्य ?
बस से जाऊं या ट्रेन से या टैक्सी से या....लिफ्ट लेकर ?
________________ कई बार 2 में से 1 चुनते हैं और कभी -कभी कई में से कुछ ! मुश्किल तो तब आती है जब सब -कुछ अनिवार्य हो और कुछ भी हासिल होने के आसार न हों .....तब ?
______________________ next post पर :)
_____________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति

सोमवार, मार्च 09, 2015

ख्वाहिशें



____________________  उद्गार / बड़े प्रबल होते हैं ! ज़ाहिरात का हक़ उन्हें हासिल है / बस शक्ल हम तय करते हैं :)

रविवार, मार्च 08, 2015

'वूमन्स डे'


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http://drpratibhasowaty.blogspot.in/2015/03/blog-post.html ( मेरे दूसरे blog पर भी )
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गुरुवार, मार्च 05, 2015

रंग ..यहाँ कहाँ


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ज़मी से / 100 फीट उपर ,
यहाँ ,मेरा आशियाना है !
शोर ,बहुत अंतर में मगर ,
बाहर सबकुछ वीराना है !
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यहाँ तक आ  नहीं सकता ,
रंग - गुलाल और रोली !
सातवी मंज़िल पर हूँ :)
msg आ रहे हैं 'हैपी होली'!
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 सुनहरी भोर  ,आकाश नीला,
और रंग गुलाबी है यादों का !
 पेड़ों पे हरा रंग खिला मनमें,
और है शोख़ रंग वादों का !
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एक इन्द्र्धुनुष सा बुन गया है ,
आज घर और मेरे दरमियाँ :)
 तुम ही कहो , कैसे कह दूँ मैं,
की कोई रंग , यहाँ - कहाँ :)
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________________________डॉ.प्रतिभा स्वाति

रविवार, मार्च 01, 2015

निकली हैं .. ख्वाहिशें कुछ


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निकली हैं , ख्वाहिशें कुछ ,
टहलने ज़रा !
बेज़ार थीं , सदी से ,
बहलने  ज़रा !
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अपनी -सी हो गई हैं ,
 तनहाइयाँ हमारी !
साथी सभी पुराने लगे ,
हैं जलने ज़रा :)
___________________ डॉ. प्रतिभा स्वाति