रविवार, फ़रवरी 08, 2015

सुख-दुःख ...साथी हैं !


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 सुख - दुःख तो , साथी हैं ....
काम , सभी  को छलना है !
जैसा भी है ... जीवन-पथ....
सबको इसपर  चलना  है !
__________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति











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