बुधवार, दिसंबर 31, 2014

रह सुख से ...


____________ ' हाइकू ' शब्द थोड़ा अजीब सा लगने की वजह ये है / कि ये हिंदी का नहीं ! जापानी शब्द है !  हिंदी में 3 लाइन की जो कविता है ' हाइकू ' है ! google पर haiku / search करते ही तमाम पन्ने खुल जाते हैं :)

__________________ प्राप्त जानकारी आम जन के लिए काफ़ी हो सकती है किन्तु नए हाइकूकार के लिए उतना न सिर्फ़ नाकाफ़ी अपितु कुछ उलझा -सा देता है ,जब वह उस तथाकथित ' हाइकू -खेमे ' में प्रवेश करता है ! जहाँ वह अभिमन्यु -सा महसूस करने लगता है ! हर ओर योद्धा आक्रमण को तैयार !
__________ इस समर में मैंने ख़ुद को एकलव्य की तरह रखा ! मैं उस पूरे महाभारत से वाकिफ़ हूँ , मैंने ख़ुद को द्रोण से बचा लिया ( दक्षिणा के सन्दर्भ में ) अब  गुरु रविन्द्रनाथ तो हैं नहीं , 1919 में वही लाए थे इस जापानी बच्चों के खेल को , जिसे हमारे यहाँ के बुज़ुर्ग खेल रहे हैं ___ और बच्चों को कुछ भी मालूम नहीं !
________ आख़िर हम क्यूँ नहीं , ये हाइकू उन्हें सिखा पाए अब तक ?
___________ डॉ. प्रतिभा स्वाति

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें