मंगलवार, अगस्त 26, 2014

चाँद




      हाइकू / तांका / सेदोका / चोका या फिर सॉनेट ही क्यूँ न लिखूं --------- सब काव्य ही के चेहरे हैं :)

गुरुवार, अगस्त 14, 2014

जयहिंद


     कदम- दर -कदम देश तरक्की कर रहा है !  और हालात  हैं की दिनोदिन गर्त से रूबरू हो रहे हैं ! आख़िर  कहाँ हम गलती कर रहे हैं ? कहाँ हो रही है चूक ?
-------------- असलियत जो भी हो ! वजहें जो भी हों ! हम अपने वतन से मोहब्बत के जज़्बे को दिल में धडकन की तरह संजोए हैं ! 
---------------------------------- जयहिंद

हमारा राष्ट्र ध्वज ...


       क्या ये चित्र हमारी जिज्ञासा को हवा नहीं देता  ? की हम इतिहास के उन प्रष्ठों को पलटकर  देखें की आखिर उनमें / कौनसी कहानी करवटें ले रही है !
_________________ जयहिंद

मन ....



___________जब भी 3 लाइंस में 17 अक्षर पिरोए जाते हैं / वह हाइकू है ! अर्थात बात पूरी नहीं होती , पर उसकी शुरुआत होती है ! एक दिशा तय होती है :)

गुरुवार, अगस्त 07, 2014

और /तब .....



.....और  तब ...मैं चाहकर भी / लिख नहीं पाती ....
-----------------------