शुक्रवार, मई 09, 2014

क्यूँ...



    मज़ह्बों  के  ........... कुएँ  !
ख़ुद रही हैं ...........खाइयाँ !
भाई.......... भाईचारा  तजें !
क्यूँ /बदनाम हैं भौजाइयां ?

--------------------  डॉ . प्रतिभा स्वाति

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें