सोमवार, मार्च 24, 2014

नहीं लिखती / 3

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तनहाई का रिश्ता  हूँ !
सोहबत / नहीं लिखती !
गुज़र गया पीछे जो ,
वो वक्त नहीं लिखती ! 




पढ़ती  हूँ / दिल  ही दिल में !
हर  जगह / आयत नहीं लिखती :)
जो हुई नहीं मुझपे अब तक,
वो इनायत / नहीं लिखती :)
---------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
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