सोमवार, दिसंबर 23, 2013

बाल - साहित्य



 कहाँ   गए / वो कथा - कहानी ?
खो  गए / बूढ़े , दादी  - नानी !
परी -  कथा  को , सुनते बच्चे !
स्वप्न , परी के  बुनते  बच्चे !

विज्ञान  जा पहुंचा घर -घर !
मोबाईल /टी.वी./ कम्प्यूटर !

----------------------------------- ये  मेरी एक लंबी -सी कविता  है ! जिसे ' नईदुनिया ' ने प्रकाशित  किया ! जब भी अवसर मिला उसे स्केन करके आप तक पहुँचाऊँगी !बाल - साहित्य मेरा  प्रिय  विषय  रहा है / मैने ख़ूब  लिखा ! एक  बाल - उपन्यास भी ! जिसे स्वदेश  ने अपनी  पत्रिका ' दखल ' में फिर से प्रकाशित किया !
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----- डॉ . प्रतिभा स्वाति




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