रात भर ,
करता रहा ,
वो फ़रियाद !
रात ख़ामोश !
सितारे चुप !!
मै भी आख़िर ,
क्या देती जवाब ?
जब लिया ,
हाथों में चाँद !
पोछ दिया आज ,
उसके,
माथे का दाग !
ज़िन्दगी के,
अंधेरों से,
लेकर काजल ,
लगा दिया डिठौना !
और / पूछ लिया ,
मुस्कुराके आज !
हर अमावस पे ,
उसके / गायब ,
होने का राज़ !!
-------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
करता रहा ,
वो फ़रियाद !
रात ख़ामोश !
सितारे चुप !!
मै भी आख़िर ,
क्या देती जवाब ?
जब लिया ,
हाथों में चाँद !
पोछ दिया आज ,
उसके,
माथे का दाग !
ज़िन्दगी के,
अंधेरों से,
लेकर काजल ,
लगा दिया डिठौना !
और / पूछ लिया ,
मुस्कुराके आज !
हर अमावस पे ,
उसके / गायब ,
होने का राज़ !!
-------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
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