बुधवार, सितंबर 15, 2021

आज फिर से

 बचपन ही से

सुनती आई हूं

आगे बढ़ने की बात ,

तो निश्चय ही

पीछे लौटना होता होगा

गलत या बुरा।

फिर फिर मैं लौट रही हूं

तीन-चार दशक पीछे, 🙃

नहीं है टीवी या मोबाइल 

शहर नहीं घुस पाया

गांव में,🙂

 बच्चे पढ़ते तब भी थे

नहीं थी ऑनलाइन क्लासेस

मैसेंजर और व्हाट्सएप के बिना

रिश्ते निभाए जाते थे  

चिट्ठियों के जरिए

जो आज 50 से ऊपर है

तब 10 _15 के रहे होंगे  

पढ़ते होंगे इंद्रजाल कॉमिक्स 

खेलते होंगे छुपन छुपाई 

कबड्डी या गिल्ली डंडा 

न मूवी न सेल्फी 

न कारे ए सी 

बहुत फुर्सत थी तब 

खूब सो जाया करते थे 

खूब हंसी आती थी 

खाते पीते मस्त रहते थे  

हां तभी की बात है जब 

बड़े लोग बच्चों से कहा करते थे 

आगे बढ़ने की बात 

और  आगे बढ़कर हम 

उस मुकाम पर आ खड़े हुए हैं 

कि चाहने पर भी 

लौट नहीं सकते पीछे 

________________डॉ प्रतिभा स्वाति