गुरुवार, मई 14, 2015

बात मत करें ....


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 ख़ाके कसमें झूठी ,
देखिए / अब ..
ईमान की,
 बात  मत करें !
मज़हबी दीवारें ,
कर दीं / तुमने ऊँची ...
भगवान की ,
 बात मत करें !
___________________ डॉ . प्रतिभा स्वाति

बुधवार, मई 13, 2015

कविता छपने पर / मिलता था पैसा ....










------------------- अब लेखक को प्रकाशित कविता पर / अमूमन पैसा नहीं दिया जाता ! कई  वज़ह हैं ....... लेखक / कब तक नुकसान उठाए और क्यूँ ?