सोमवार, मार्च 31, 2014

गूगल से / साभार



        -------------------------
       आज नवरात्र का दूसरा दिन है। नवरात्र के दूसरे दिन भगवती मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है। साधक एवं योगी इस दिन अपने मन को भगवती मां के श्री चरणों मे एकाग्रचित करके स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित करते हैं और मां की कृपा प्राप्त करते हैं।

ब्रह्मचारिणी देवी भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। ब्रह्म का अर्थ है, तपस्या, तप का आचरण करने वाली भगवती, जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया,वेदस्तत्वंतपो ब्रह्म,वेद,तत्व और ताप का अर्थ है ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है, इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमण्डल रहता है।

नवरात्र का दूसरा दिन भगवती ब्रह्मचारिणी की आराधना का दिन है। श्रद्धालु भक्त व साधक अनेक प्रकार से भगवती की अनुकम्पा प्राप्त करने के लिए व्रत-अनुष्ठान व साधना करते हैं। कुंडलिनी जागरण के साधक इस दिन स्वाधिष्ठान चक्र को जाग्रत करने की साधना करते हैं। 

मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने का मंत्र बहुत ही आसान है। मां जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।

मंत्र इस प्रकार है:


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

 ----------------------------------------------

अक्षर /1







 -------------- नव - वर्ष / शुभ हो :)

शनिवार, मार्च 29, 2014

निगाहें ....

       

अब  छा  नहीं  पाती  / निराशा !
उजाला / चहुँ ओर करने लगी  हैं !

तमतमाने  लगा है / सूरज !
निगाहें  भोर करने लगी है !
----------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति

शुक्रवार, मार्च 28, 2014

.कैसा लगता है / जब


 कैसा  लगता  है  /जब 
आप  दुआ  करें !
बारिश की /और 
बादल / उलाहना  दे !
उसे / बरसना  पड़ा !!

-------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाति 



गुरुवार, मार्च 27, 2014

मन / चाहता था ...












ये  जो फूल हैं !
गम के / इन्हें,
अश्कों की ,
नमी  दी  मैंने !!

कैसे  करती  ?
हसरतें पूरी/ ज़िन्दगी ,
सच  में तुझे / बहुत ,
कमी  दी मैंने !!

मन / चाहता था !
उड़ना  / आसमां तक !
लेकिन उसे/ सख्त ,
ज़मी  दी मैंने !!
------------------------- डॉ . प्रतिभा  स्वाति

fb / movie

 my face book movie :)


https://www.facebook.com/photo.php?v=278332588987058&l=4049805069410469182

सोमवार, मार्च 24, 2014

नहीं लिखती / 3

%%%%%%%%%%%%%%%%
तनहाई का रिश्ता  हूँ !
सोहबत / नहीं लिखती !
गुज़र गया पीछे जो ,
वो वक्त नहीं लिखती ! 




पढ़ती  हूँ / दिल  ही दिल में !
हर  जगह / आयत नहीं लिखती :)
जो हुई नहीं मुझपे अब तक,
वो इनायत / नहीं लिखती :)
---------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति
%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%

रविवार, मार्च 23, 2014

नहीँ लिखती / 2

  कह  देती हूँ / बात तेरी ,
ख़ुद की हालत /  नहीं लिखती !
सच के ख़ुलासे / झूठ की ,
वक़ालत / नहीं लिखती !
------------------------------------ डॉ . प्रतिभा स्वाती

नहीँ लिखती / 1


  लाख  मनुहार  करे दिल !
कलम अब / खत नहीँ  लिखती !
चल रही आंधी वतन में !
 तो वो / मुहब्बत नहीँ लिखती !
-------------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति



शुक्रवार, मार्च 21, 2014

ज़िन्दगी



  ज़िन्दगी कितने ,
 इम्तिहान आखिर ?
ये बात और है !
नतीज़े ,हमने 
अब तलक नहीं पूछे !
---------------------------------------- डॉ. प्रतिभा स्वाती



बुधवार, मार्च 19, 2014

ज़िम्मेदार कौन ?


      ज़ुर्म के इस ग्राफ़ को देखिये !
जो समय के साथ बढ़ रहा है !
ज़िम्मेदार कौन है ?
---------------- महिला या पुलिस ?

शनिवार, मार्च 15, 2014

होली ऐसी खेलिये :)

-

 *************************************
कबिरा   होली  खेलिये !

मन  का  बैर   भुलाय !
पिचकारी-रंग-गुलाल,
सबपै   देय   उड़ाय !!

सब  पर  देंय  उड़ाय !
प्यार मेँ रंग सब डूबें !
होली मेँ जल जाएँ रे,
बैर  भाव  के  मंसूबे!!
------------------------------- डॉ.प्रतिभा  स्वाति

 .***************************************




गुरुवार, मार्च 06, 2014

सपने

   
-------------------------------------------------------------
तेरे  इरादे / तेरी  लाचारियाँ ,
मैं, वाकिफ़ हूँ /  सब ही   से !
क़िस्से ,  नए   गढ़ - गढ़ के ,
बता  नहीं ........ तू  मुझको !

देखती  हूँ  /  रोज़ ही सपने ,
जागते  और   सोते  हुए !
होते    नहीं   हैं   सच ,
क्या  पता नहीं मुझको ?
------------------------------------ डॉ.प्रतिभा स्वाति 

खयाल


तंग ही  तो हूँ मैं ,
ज़िन्दगी से आख़िर !

खौफ़ मौत के आकर ,
सता  नहीं  मुझको !

आते और  जाते  रहे,
खयाल हंस-हंस  कर!
नहीं कहा  मुझसे कि,
यूँ,हटा नही मुझको !
------------------------------- डॉ . प्रतिभा स्वाति 

बुधवार, मार्च 05, 2014

4 frnds

    आज फिर  net  problm !
आज फिर नहीं   कह pai  शुक्रिया !
आज फिर / तमाम बातें / यूँ ही रह गई !
किसी भी कमेंट का जवाब नहीं click हुआ !
अफ़सोस / एक शर्मिंदगी  का अहसास !
                 g + open नही हुआ  !
ब्लॉग / पोस्ट publish  हो  रही  हैं ! बस !

---------- -------------------------



मन









Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...